ds

Tuesday, 10 April 2018

प्रेरक कविता

 जिंदगी के मैदानों में

अजीब सी धुन बजा रखी है
जिंदगी ने मेरे कानों में,
कहाँ मिलता है चैन
पत्थर के इन मकानों में।
बहुत कोशिश करते हैं
जो खुद का वजूद बनाने की
हो जाते हैं दूर अपनों से
नजर आते है बेगानों में।
हस्ती नहीं रहती दुनिया में
इक लंबे दौर तक,
आखिर में जगह मिलती है
उन्हें कहीं दूर श्मशानों में।
न कर गम कि
कोई तेरा नहीं,
खुश रहने की राह है
मस्ती के तरानों में
जान ले कि दुनिया
साथ नहीं देती,
कोई दम नहीं होता
इन लोगों के अफसानों में।
क्यों रहता है निराश
अपनी ही कमजोरी से
झोंक दे सब ताकत अपनी
करने को फतह मैदानों में।
Share:

0 comments:

Blogger templates

Labels

Recent Posts

Unordered List

  • Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit.
  • Aliquam tincidunt mauris eu risus.
  • Vestibulum auctor dapibus neque.

Pages

Theme Support

Need our help to upload or customize this blogger template? Contact me with details about the theme customization you need.