जिंदगी के मैदानों में
अजीब सी धुन बजा रखी है
जिंदगी ने मेरे कानों में,
कहाँ मिलता है चैन
पत्थर के इन मकानों में।
बहुत कोशिश करते हैं
जो खुद का वजूद बनाने की
हो जाते हैं दूर अपनों से
नजर आते है बेगानों में।
जिंदगी ने मेरे कानों में,
कहाँ मिलता है चैन
पत्थर के इन मकानों में।
बहुत कोशिश करते हैं
जो खुद का वजूद बनाने की
हो जाते हैं दूर अपनों से
नजर आते है बेगानों में।
हस्ती नहीं रहती दुनिया में
इक लंबे दौर तक,
आखिर में जगह मिलती है
उन्हें कहीं दूर श्मशानों में।
न कर गम कि
कोई तेरा नहीं,
खुश रहने की राह है
मस्ती के तरानों में
इक लंबे दौर तक,
आखिर में जगह मिलती है
उन्हें कहीं दूर श्मशानों में।
न कर गम कि
कोई तेरा नहीं,
खुश रहने की राह है
मस्ती के तरानों में
जान ले कि दुनिया
साथ नहीं देती,
कोई दम नहीं होता
इन लोगों के अफसानों में।
क्यों रहता है निराश
अपनी ही कमजोरी से
झोंक दे सब ताकत अपनी
करने को फतह मैदानों में।
साथ नहीं देती,
कोई दम नहीं होता
इन लोगों के अफसानों में।
क्यों रहता है निराश
अपनी ही कमजोरी से
झोंक दे सब ताकत अपनी
करने को फतह मैदानों में।
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